Thursday, May 30, 2019

khel ka jashan - world cup

दिलों की धड़कनों को कहो
फिर बेधड़क होके धड़कें
कुछ अनजानों के साथ
आशयों  का कारवां फिर निकले

नज़रों से टपकेंगे सपने अब कई
एक सी मुराद लिए अलग से चेहरे
कारवां बदला सा होगा  हर कहीं
सारी गलियों से गुज़रके मंज़िल की  तलाश बस यहीं

गूजेंगे शहर एक अनूठे शोर से
उम्मीद के बिगुल, खेल के जशन
फिर सुर कई मिलेंगे इक नए राग को पिरोने
भूल के रंजिश जीत की ख़ुशी में भिगोने



No comments: