Monday, May 14, 2018

For my younger sister ...on her Bday

याद है ना तुमको वो नीलगिरि का दरख़्त
जिसकी सीपियों के ढ़ेर हमने टटोले थे दिन भर
उस प्लास्टिक की एक गुड़िया के लिए
जिसके गले की माला को पिरोया हम दोनों ने मिलकर


याद है ना बचपन में हरी लॉन पे बैठके
चुपचाप एक दुसरे के संग खेलना इस इंतज़ार में
कि माँ बुलाएगी जल्द ही हमे आवाज़ देकर
आ जाओ घर अब बड़ी दीदी की पढ़ाई ख़तम !
अब तीनों खेलो कूदो मिल जुलकर


याद है न वो  पड़ोसियों का तुम्हें लाड से बुलाना
सबसे छोटी और प्यारी है बहिन तुम्हारी
"रानी रानी" कहकर तुमपे उनका प्यार लुटाना


और सबसे छोटी हो कहकर ..
हर बात मनवाई हमने भी तुमसे
तुमने भी खूब साथ दिया जब भी
दबके बैठी बीच में,
हमारे संग हमारी लूना पे


फिर इधर उधर कभी कभी के वो किस्से
जब हमने भगाया ऐरे गैरों को तुम्हारे पीछे पढ़ने से
बड़ी बहिन हैं हम, यह कहकर फ़र्ज़ निभाया
चाहे उसमें हमे मुद्दत भर का मज़ा आया


तुम्हारे दोस्तों को परखना
जैसे अनकहा अधिकार।
तुमने जाने क्या सोचा होगा,
दीदियों के फैसलों को सुनकर हर बार

तुम्हारा बेग़रज़ सा साथ जैसे आदत की बात
याद है ना अब भी खुशियों की लहरों में मस्ताना
जब तुम्हारा हम दीदियों के साथ हो मिलना जुलना और...
इन्हीं सब यादों पे क़हक़हे लगाना

Monday, May 7, 2018

Lost

Lost in space
in a split second.
A single breath
And its gone...may be forever
Then everywhere...now nowhere


As I look into the distance
The path still the same
Illumination gone
Groping in the dark
Till the vision adjusts and...
Feet find their way anyway


Mind still processing the ticks just fine
Heart wondering with each beat...
What was lost somewhere
Will it be there at life's last feat

ए ज़िंदगी तेरे होने ही का
जाम भरते रहे ..हर घड़ी .
कई साक़ी आये और चले गए
पर  जश्न यूँ ही चलता रहा