एक सहज सा जीवन दे दो
रोपूँ खुशियों के पेड़ जिसमें
रोज़ कुछ बूँद अनुराग की टपकें
मेरे आँगन में तुम्हारे कदम जब पड़ें
एक सहज सा जीवन दे दो
एक सी सुबह और एक सी ही दोपहरी
हर दिन वही हो दिनचर्या
हमारी गुफ्तगू और हमारी हँसी
एक सहज सा जीवन दे दो
ढेर सारे पल जियें एक और अनगिनत
यादों के ख़ज़ाने भर जाएँ हृदय में
पुलकित हो मन इन्ही की छांव तले
एक सहज सा जीवन दे दो
जहाँ कदम हमारे निसंकोच बढ़ें
रास्ते लम्बे हों मंज़िल की ओर
और...
इनमें हम साथ चले बिलकुल धीरे
रोपूँ खुशियों के पेड़ जिसमें
रोज़ कुछ बूँद अनुराग की टपकें
मेरे आँगन में तुम्हारे कदम जब पड़ें
एक सहज सा जीवन दे दो
एक सी सुबह और एक सी ही दोपहरी
हर दिन वही हो दिनचर्या
हमारी गुफ्तगू और हमारी हँसी
एक सहज सा जीवन दे दो
ढेर सारे पल जियें एक और अनगिनत
यादों के ख़ज़ाने भर जाएँ हृदय में
पुलकित हो मन इन्ही की छांव तले
एक सहज सा जीवन दे दो
जहाँ कदम हमारे निसंकोच बढ़ें
रास्ते लम्बे हों मंज़िल की ओर
और...
इनमें हम साथ चले बिलकुल धीरे
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