याद है ना तुमको वो नीलगिरि का दरख़्त
जिसकी सीपियों के ढ़ेर हमने टटोले थे दिन भर
उस प्लास्टिक की एक गुड़िया के लिए
जिसके गले की माला को पिरोया हम दोनों ने मिलकर
याद है ना बचपन में हरी लॉन पे बैठके
चुपचाप एक दुसरे के संग खेलना इस इंतज़ार में
कि माँ बुलाएगी जल्द ही हमे आवाज़ देकर
आ जाओ घर अब बड़ी दीदी की पढ़ाई ख़तम !
अब तीनों खेलो कूदो मिल जुलकर
याद है न वो पड़ोसियों का तुम्हें लाड से बुलाना
सबसे छोटी और प्यारी है बहिन तुम्हारी
"रानी रानी" कहकर तुमपे उनका प्यार लुटाना
और सबसे छोटी हो कहकर ..
हर बात मनवाई हमने भी तुमसे
तुमने भी खूब साथ दिया जब भी
दबके बैठी बीच में,
हमारे संग हमारी लूना पे
फिर इधर उधर कभी कभी के वो किस्से
जब हमने भगाया ऐरे गैरों को तुम्हारे पीछे पढ़ने से
बड़ी बहिन हैं हम, यह कहकर फ़र्ज़ निभाया
चाहे उसमें हमे मुद्दत भर का मज़ा आया
तुम्हारे दोस्तों को परखना
जैसे अनकहा अधिकार।
तुमने जाने क्या सोचा होगा,
दीदियों के फैसलों को सुनकर हर बार
तुम्हारा बेग़रज़ सा साथ जैसे आदत की बात
याद है ना अब भी खुशियों की लहरों में मस्ताना
जब तुम्हारा हम दीदियों के साथ हो मिलना जुलना और...
इन्हीं सब यादों पे क़हक़हे लगाना
जिसकी सीपियों के ढ़ेर हमने टटोले थे दिन भर
उस प्लास्टिक की एक गुड़िया के लिए
जिसके गले की माला को पिरोया हम दोनों ने मिलकर
याद है ना बचपन में हरी लॉन पे बैठके
चुपचाप एक दुसरे के संग खेलना इस इंतज़ार में
कि माँ बुलाएगी जल्द ही हमे आवाज़ देकर
आ जाओ घर अब बड़ी दीदी की पढ़ाई ख़तम !
अब तीनों खेलो कूदो मिल जुलकर
याद है न वो पड़ोसियों का तुम्हें लाड से बुलाना
सबसे छोटी और प्यारी है बहिन तुम्हारी
"रानी रानी" कहकर तुमपे उनका प्यार लुटाना
और सबसे छोटी हो कहकर ..
हर बात मनवाई हमने भी तुमसे
तुमने भी खूब साथ दिया जब भी
दबके बैठी बीच में,
हमारे संग हमारी लूना पे
फिर इधर उधर कभी कभी के वो किस्से
जब हमने भगाया ऐरे गैरों को तुम्हारे पीछे पढ़ने से
बड़ी बहिन हैं हम, यह कहकर फ़र्ज़ निभाया
चाहे उसमें हमे मुद्दत भर का मज़ा आया
तुम्हारे दोस्तों को परखना
जैसे अनकहा अधिकार।
तुमने जाने क्या सोचा होगा,
दीदियों के फैसलों को सुनकर हर बार
तुम्हारा बेग़रज़ सा साथ जैसे आदत की बात
याद है ना अब भी खुशियों की लहरों में मस्ताना
जब तुम्हारा हम दीदियों के साथ हो मिलना जुलना और...
इन्हीं सब यादों पे क़हक़हे लगाना
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