मुझे सोने की चाह नहीं ए - शब...
पर ख्वाबों का आना जाना तभी होगा....
कुछ अधूरे से और कुछ पूरे से,
जज़्बातों के एहसास का ठिकाना तभी होगा...
आज फिर नींद ने पुकारा है तशरीफ़ ले आयो ए-वाइज़,
तेरी नज़मों की महफ़िल में लोगों का आना जाना तभी होगा...
यही है मुसलसल मेरी कहानी, हकीकत और फ़साने की,
बेमतलब से अफसानों का अंजाम-ए-मुक़म्मल तभी होगा.
Glossary - शब - night ; वाइज़- preacher, मुसलसल - लगातार ;
पर ख्वाबों का आना जाना तभी होगा....
कुछ अधूरे से और कुछ पूरे से,
जज़्बातों के एहसास का ठिकाना तभी होगा...
आज फिर नींद ने पुकारा है तशरीफ़ ले आयो ए-वाइज़,
तेरी नज़मों की महफ़िल में लोगों का आना जाना तभी होगा...
यही है मुसलसल मेरी कहानी, हकीकत और फ़साने की,
बेमतलब से अफसानों का अंजाम-ए-मुक़म्मल तभी होगा.
Glossary - शब - night ; वाइज़- preacher, मुसलसल - लगातार ;