Just Thoughts
Sunday, August 12, 2012
मुद्दत हुई रश्क किये,
उनकी नज़र के पैमाने के लिए
उनकी नज़र के पैमाने के लिए...
हमें साकी होने की चाह में,
मुद्दत हुई डूबे हुए...
नशा तो अब भी है उनको ...
नशा तो अब भी है उनको ,
बस अब एक भी बूँद हमने डाली नहीं,
मुद्दत हुई उनको जाम दिए
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