Just Thoughts
Saturday, December 10, 2011
ख्वाब जो नींद में जगा गए,
उन्हीं के साथ से सुबह होती है रोज़ मेरी...
जिनके न होने से रात बेमानी सी लगे,
उन ख़्वाबों के इंतज़ार में शब् गुजरी है मेरी.
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